Yah Vikas hai ya vinas (Bangla)
- Author Swami Ramsukhdas Ji
- Price 7
- Language Note: Bangla
- Category:Benedictory Literature of His Holiness Swami Ramsukhdas
- SKU: 1948
- Book Size: Pocket Size Description:
यह विकास है या विनाश, जरा सोचिये भौतिक सुख-समृद्धिको ही जीवनका लक्ष्य मानकर न्याय, अन्यायपर विचार किये बिना अर्थ और भोग-सञ्चयमें रत लोगोंको स्वामीजीकी कड़ी चेतावनी।