Parlok Aur Punarjanmank (Hindi)
- Author Gita Press Gorakhpur
- Price 270
- Language Note: Hindi
- Category:Republished Special Issues of 'KALYAN'
- SKU: 572
- Book Size: Granthakar Description:
मनुष्य मात्रको पतनकारी आसुरी सम्पदाके दोषोंसे सदा दूर रहने तथा परमविशुद्ध उज्ज्वल चरित्रहो कर सर्वदा सत्कर्म करते रहने की शुभ प्रेरणाके साथ इसमें परलोक तथा पुनर्जन्मके रहस्यों और सिद्धान्तों पर विस्तृत प्रकाश डाला गया है। आत्म-कल्याण कामी पुरुषों तथा साधक मात्रके लिये इसका अध्ययन-अनुशीलन अति उपयोगी है।