महाभारत-खिलभाग
हरिवंशपुराण ग्रन्थाकार— हरिवंशपुराण वेदार्थ-प्रकाशक महाभारत ग्रन्थका अन्तिम
पर्व है। पुत्र-प्राप्तिकी कामनासे हरिवंशपुराणके श्रवणकी परम्परा भारतवर्षमें
चिरकालसे प्रचलित है। अनन्त भावुक धर्मपरायण लोग इसके श्रवणसे पुत्र-प्राप्तिका
लाभ प्राप्त कर चुके हैं। भगवद्भक्ति तथा प्रेरणादायी कथानकोंकी दृष्टिसे भी
इसका बड़ा महत्त्व है। भगवान् श्रीकृष्णसे सम्बन्धित अगणित कथाएँ इसमें ऐसी हैं,
जो अन्यत्र दुर्लभ हैं। धाॢमक जन-सामान्यके कल्याणार्थ इसके अन्तमें
सन्तानगोपाल-मन्त्र, अनुष्ठान-विधि, सन्तान-गोपाल-यन्त्र तथा संतान-गोपालस्तोत्र
भी संगृहीत है। सचित्र, सजिल्द। |