Bhagwanse Apanapan
- Author Swami Ramsukhdas Ji
- Price 0
- Language Note: Gujarati
- Category:Benedictory Literature of His Holiness Swami Ramsukhdas
- SKU: 1066
- Book Size: Pustakakar Description:
0
₹ 0.00
Shipping charges will be applied on the basis of your cart value.
भगवान्से अपनापन पुस्तकाकार—यद्यपि हम परमात्माके ही हैं, क्योंकि परमात्माका अंश जीव अपने अंशी परमात्मासे अलग हो ही नहीं सकता, तथापि इस मान्यताके बिना कि हम परमात्माके हैं, जीव परमात्मासे विमुख ही रहता है। प्रस्तुत पुस्तक भगवान्में निष्ठा पैदा कर साधनामें तीव्रता लानेवाले ब्रह्मलीन श्रद्धेय स्वामी श्रीरामसुखदासजी महाराजके प्रवचनोंका सुन्दर संग्रह है।