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Puran Upanishad and Others

Brihadaranyakopanishad - ( Hindi )

  • AuthorGita Press Gorakhpur
  • SKU577
  • Language Note: Hindi
  • Time Status: 2000s -- 21st century
₹ 280.00

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बृहदारण्यकोपनिषद् पुस्तकाकार—यह उपनिषद् यजुर्वेदकी काण्वीशाखामें वाजसनेय ब्राह्मïणके अन्तर्गत है। कलेवरकी दृष्टिïसे यह समस्त उपनिषदोंकी अपेक्षा बृहत् है तथा अरण्यमें, अध्ययन किये जानेके कारण इसे आरण्यक भी कहते हैं। वाॢत्तककार सुरेश्वराचार्यने अर्थत: इस यथार्थको स्वीकार किया है। विभिन्न प्रसंगोंमें वॢणत तत्त्वज्ञानके इस बहुमूल्य ग्रन्थ रत्नपर भगवान् शङ्कïराचार्यका सबसे विशद भाष्य है।

  • Language Note: Hindi
  • Time Status: 2000s -- 21st century